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सामने आया भाजपा नेत्री सीमा पात्रा की मानसिकता और क्रूरता का चहेरा

  • Writer: India Plus Tv
    India Plus Tv
  • Nov 3, 2022
  • 2 min read

Updated: Mar 10

राँची : राँची में 29 साल की एक आदिवासी महिला से दरिंदगी का मामला सामने आया है। उसे 8 साल से एक रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर महेश्वर पात्रा की पत्नी और भाजपा नेत्री सीमा पात्रा ने घर में कैद करके रखा था। विवेक बास्के नाम के शख्स ने अरगोड़ा थाने में इस बाबत शिकायत की थी। सीमा पात्रा बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी कार्यसमिति की सदस्य थीं। जिसे बीजेपी ने मंगलवार 30 अगस्त को, पार्टी से निलंबित कर दिया, जब उस पर आरोप लगे कि उसने अपने घरेलू कामगार को बेरहमी से प्रताड़ित किया और अमानवीय व्यवहार किया।




दिव्यांग घरेलू नौकर को बंधक बनाये जाने के मामले में राँची के अरगोड़ा थाना में आईपीसी की धारा सहित एससी-एसटी के तहत मामला दर्ज किया गया है। सीमा पात्रा के ऊपर आईपीसी की धारा 323/ 325/ 346 और 374 लगाया गया है।मामले की जाँच के लिये हटिया डीएसपी राजा मित्रा को केस का आईओ बनाया गया है।

सुनीता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें सुनीता अपने जुल्म की दास्तान सुनाती दिख रही है। वह बार-बार अपने उपर हुए जुल्मों को को बता रही है। सुनीता का कहना है कि सीमा पात्रा के बेटे आयुष्मान ने उसकी मदद की थी। दर्द और आंसुओं के बीच बेहद धीमी आवाज वह कहती है,उसकी वजह से ही मैं जिंदा हूं। महिला की बहन और देवर को कथित तौर पर उसकी पीड़ा के बारे में सूचित किया गया था, लेकिन उन्होंने उसे लेने से इनकार कर दिया।

भयावह वीडियो में सुनीता अस्पताल के बिस्तर पर नजर आ रही है। उसके कई दांत गायब दिख रहे हैं, और वह बैठने में असमर्थ है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि उसके शरीर पर चोट के निशान बार-बार हमले की ओर इशारा करते हैं। सीमा पात्रा के चुंगल से छूटी सुनीता ने बताया कि,मालिक इतने बेरहम थे कि रॉड से मारकर दांत तोड़ दिए। चलने में लाचार हो गई। घिसटकर चलती थी। कभी पेशाब कमरे से बाहर चली जाए तो सीमा जीभ से फर्श साफ करवाती थी। सुनीता ने बताया कि उसने सालों से सूरज की रोशनी नहीं देखी।उसे घर से बाहर तक नहीं निकलने दिया जा रहा था। उसे भरपेट खाना नहीं दिया जाता था। रॉड से पीटा जाता था और गर्म तवे से जलाया जाता था।

झारखण्ड के गुमला की रहने वाली सुनीता ने करीब 10 साल पहले पात्रा के लिए काम करना शुरू किया था। वह पात्रा की बेटी वत्सला के साथ घरेलू नौकर बनने के लिए दिल्ली गई थी। करीब चार साल बाद वत्सला और सुनीता दोनों राँची लौटे थे। अगले छह वर्षों में, सुनीता कहती है कि सीमा पात्रा के हाथों उसे प्रताड़ित किया गया और "सजा" का सामना करना पड़ा, लेकिन उसे नहीं पता था कि उसे दंडित क्यों किया गया और उसकी क्या गलतियाँ थीं। अंत में सुनीता के बचाव में पात्रा के बेटे आयुष्मान आए। घर में बंधक बनी दिव्यांग सुनीता ने किसी प्रकार मोबाइल पर विवेक आनंद बास्के नामक एक सरकारी कर्मचारी को मैसेज भेजकर अपने ऊपर हो रहे अत्याचार के बारे में जानकारी दी थी।





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