झारखण्ड विधानसभा का मानसून सत्र आज से, सुखाड़ पर होगी चर्चा, हंगामे के आसार
- India Plus Tv
- Nov 3, 2022
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झारखण्ड के पाँचवी झारखण्ड विधानसभा का नौवां ( मानसून ) सत्र आज दिनाँक 29 जुलाई 2022 को सुबह 11 बजे शुरू हुआ और यह 5 अगस्त तक चलेगा। सत्र में छह कार्य दिवस होंगे। पांच अगस्त तक सदन की कार्यवाही निर्धारित है। सत्र को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष ने अपनी-अपनी तैयारी को लेकर विधायक दल की बैठक की। हेमंत सरकार ने अपने सभी मंत्रियों को पूरी तैयारी के साथ आने के निर्देश दिए हैं।

मानसून सत्र छह दिनों का होगा, जिसमें 30 और 31 जुलाई को क्रमश: शनिवार और रविवार को छुट्टी होगी। इस सत्र में राज्य सरकार ने राज्य में जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना से संबंधित मॉब लिंचिंग विरोधी विधेयक और महत्वपूर्ण विधेयकों को फिर से पेश करने की तैयारी की है। इन दोनों विधेयकों को पहले विधानसभा द्वारा पारित किया गया था, लेकिन इनके हिंदी-अंग्रेज़ी अनुवाद में अंतर के कारण राज्यपाल ने इन्हें बिना हस्ताक्षर किए ही वापस कर दिया था।
छह कार्य दिवस के मानसून सत्र में पहले दिन शुक्रवार को राज्यपाल द्वारा प्रख्यापित अध्यादेशों की प्रमाणिकृत प्रतियों को सभा पटल पर रखा जाएगा। एक अगस्त को सरकार सदन में चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 का पहला अनुपूरक बजट पेश करेगी। दो अगस्त को अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी और उसी दिन पास भी हो जायेगा। इसके साथ ही विनियोग विधेयक भी पास होगा।
तीन से पांच अगस्त तक भोजनावकाश के बाद राजकीय विधेयक पेश होंगे। इनके अलावा यदि कोई राजकीय कार्य होगा, सरकार उन्हें निपटायेगी। विधानसभा सचिवालय ने मानसून सत्र के घोषित औपबंधिक कार्यक्रम को मंत्रिपरिषद की शुक्रवार की बैठक में घटनोत्तर स्वीकृति दी जाएगी। पहले दिन सदन की कार्यवाही के बाद कार्यमंत्रणा समिति की बैठक स्पीकर रबींद्र नाथ महतो के कक्ष में होगी। इस दौरान एक अगस्त को भोजनावकाश के बाद राज्य में उत्पन्न हो रहे सुखाड़ की स्थिति पर विशेष चर्चा पर सहमति बनने की उम्मीद है।
विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने राज्य के सभी विभागों के अधिकारियों को सदन की अधिकारी दीर्घा में मौजूद रहने का निर्देश दिया है। मुख्य सचिव को सत्र के दौरान विभागों के अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि सदस्यों के सवालों का जवाब सरकार द्वारा ठीक से दिया जा सके। उन्होंने सरकार के विभागों से यह भी कहा है कि कोई भी बिल सदन के पटल पर रखने से पहले उसकी ड्राफ्टिंग चेक कर ली जाए। भाषा में कोई त्रुटि न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
मौजूदा मानसून सत्र में पहली बार मुख्यमंत्री प्रश्नकाल नहीं होगा, सूत्रों की माने तो इन विधेयकों के अलावा झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में तूफानी नजारा देखने को मिल सकता है क्योंकि भाजपा कानून व्यवस्था, सांप्रदायिक हिंसा और अन्य मुद्दों सहित कई मुद्दों पर सरकार को घेर सकती है। ख़ास तौर पर भाजपा सीएम के प्रेस सलाहकार तक ईडी की दबिश पहुंचने को मुद्दा बनाकर मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग करेगी।
स्रोत :
दी पायनियर
एमएसएन नेटवर्क
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